भारतीय सेना को 24 घंटे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होता है। पिछले करीब तीन साल से चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव बरकरार है। पड़ोसी पाकिस्तान से भी अलर्ट रहने की जरूरत है। ऐसे में हाईटेक हथियारों की खरीद के साथ आधुनिकीकरण पर जोर दिया जा रहा है। 12 लाख जवानों वाली ताकतवर फौज अब अपने टूथ-टेल रेशियो (Tooth To Tail Ratio) को सुधारने के लिए कई प्रस्तावों पर काम कर रही है। सेना में T3R रेशियो दरअसल, जंग लड़ने वाली यूनिटों जैसे- सैनिक, बख्तरबंद विंग और सपोर्ट सेवाओं जैसे- लॉजिस्टिक्स, सिंग्नल्स का अनुपात होता है। सेना अपने सपोर्ट मैनपावर में कटौती की दिशा में बढ़ रहा है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब पिछले साल अग्निपथ योजना शुरू होने से पहले दो साल तक सेना में भर्ती प्रक्रिया बंद थी। सेना के इस फैसले का मकसद भविष्य की जंग से जुड़ा है।इन प्रस्तावों में कुछ पुरानी लीगेसी यूनिटों में कटौती और लॉजिस्टिक्स सेवाओं को आउटसोर्स करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में तैनात स्पेशल राष्ट्रीय राइफल्स का पुनर्गठन शामिल है। दरअसल, सैलरी और पेंशन पर खर्च बढ़ने के कारण सेना को अपने आधुनिकीकरण के लिए बहुत कम फंड बच पाता है जिससे अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया जा सके। पिछले साल जून में बिना पेंशन और अन्य लाभ के अग्निपथ स्कीम के तहत सैनिकों की भर्ती की घोषणा की गई थी। इससे पहले सेना ने कोरोना महामारी के कारण 2020-21 और 2021-22 के दौरान भर्ती प्रक्रिया बंद रखी थी।एक अधिकारी ने कहा, ‘इससे 1.2 लाख सैनिक घटे हैं। अग्निपथ के पहले साल में, हम दो बैच में केवल 40,000 अग्निवीरों को शामिल कर रहे हैं।’ प्लान के अनुसार सैनिकों की औसत उम्र को वर्तमान में 32 साल से घटाकर अगले छह-सात साल में 24-26 साल करना है और भविष्य की जंग के लिए तकनीक में दक्ष युवाओं को शामिल करना है। 2032 तक सेना में 50% अग्निवीर होंगे।
एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे में खाना बनाने वाले, नाई, धोबी और सफाईवाले जैसे ‘ट्रेड्समैन’ मैनपावर को कम करने की भी पर्याप्त संभावना बनती है। सेना में इस समय इनकी संख्या करीब 80,000 है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद घटा है। 1990 में राष्ट्रीय राइफल्स एक छोटी फोर्स के तौर पर खड़ी की गई थी लेकिन अब इसकी 63 बटालियन हो चुकी है। सेना महसूस कर रही है कि इसका पुनर्गठन करने की जरूरत है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने TOI को बताया, ‘2020 में चीन की घुसपैठ के बाद पूर्वी लद्दाख में RR की एक डिविजनल लेवल फोर्स को तैनात किया गया। हम इस बात का आकलन कर रहे हैं कि अगर आतंकवाद फिर से नहीं बढ़ता है तो क्या आरआर बटालियन की संख्या या हर बटालियन में कंपनियों की संख्या को घटाया जा सकता है।’
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July 23, 2024