उत्तराखण्ड हाईकोर्ट से बड़ी खबर है. हाईकोर्ट ने एसिड अटैक पीड़िता को 35 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है. दरअसल सरकार ने पीड़िता को 1 लाख 80 हजार का मुआवजा दिया था. पीड़िता ने याचिका में 50 लाख का मुआवजा के साथ नौकरी और मेडिकल सुविधा देने की मांग की थी. मामला गुलनाज नामक पीडिता से जुड़ा है जिस पर 12वीं क्लास में पढ़ने के दौरान एसिड अटैक हुआ था जिसके बाद 60 प्रतिशत से ज्यादा गुलनाज जल गई थी.गुलनाज खान नाम की पीड़िता उस समय कक्षा 12 में एक छात्रा थी और बालिग भी नहीं हुई थी. उसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने प्रेम-प्रसंग में ठुकराए जाने के बाद एसिड से हमला कर दिया गया था. इस हमले में पीड़िता का दाहिना कान पूरी तरह जल गया था और दूसरे कान की 50 प्रतिशत सुनने की क्षमता भी चली गई थी. पीड़िता के चेहरे और छाती के साथ ही शरीर के ऊपरी क्षेत्र में जिसमें हाथ भी शामिल था सब में गंभीर जलन और चोटें आई थी.जिसने इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया था, उसको एक अलग केस में सजा सुनाई गई. गुलनाज़ के साथ हुए इस जघन्य अपराध की प्रतिपूर्ति क्या राज्य सरकार के द्वारा हो सकती है, जो उसकी सुरक्षा और एक उनके इज्जत से जीने के अधिकार को बनाए रखने में अक्षम रहा, यह प्रश्न गुलनाज खान द्वारा याचिका में उच्च न्यायालय के समक्ष 2019 में उठाया गया. इस पर अंतिम सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से यह पक्ष रखा गया कि उनको हर चीज का प्रमाण एक अलग फोरम पर देना चाहिए. उच्च न्यायालय में सीधे रिट याचिका नहीं करनी चाहिए.महाअधिवक्ता द्वारा यह भी कहा गया कि एक ऐसे प्रकरण में लाभ देने से सभी लोग ऐसी प्रतिपूर्ति चाहेंग. इसके जवाब में वकील स्निग्धा तिवारी द्वारा यह उच्च न्यायालय के समक्ष बयां किया गया कि कैसे एक पीड़िता के मामले में उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा और राजनीतिक मामलों में सरकारी करोड़ों लुटा देती है. सभी पक्षों को सुनने के उपरांत एकल पीठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा द्वारा प्रकरण में आदेश पारित किया गया कि पीड़िता को सरकार द्वारा 35 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा और उसके अतिरिक्त उन पर जो भी हर्जा क़र्ज़ा चिकित्सा और उनकी सर्जरी पर व्यय होगा, वह सब उस राज्य सरकार द्वारा ही पैसे दिए जाएंगे चाहे वह इलाज किसी अन्य संस्थान में उत्तराखंड राज्य के बाहर दिल्ली या चंडीगढ़ में हो.
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December 22, 2024