ऊर्जा निगम बिजली की दरों में बढ़ोतरी को लेकर लगातार दबाव बनाए हुए है। बुधवार को निगम ने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में 16 प्रतिशत वृद्धि का प्रारंभिक प्रस्ताव बना कर भेज दिया है। विस्तृत प्रस्ताव गुरुवार को आयोग में जमा कराया जाएगा। विस्तृत प्रस्ताव में प्रारंभिक प्रस्ताव से थोड़ा अंतर आ सकता है। याचिका पर सुनवाई के लिए जमा कराई जाने वाली एक लाख की रकम को आरटीजीएस के जरिए आयोग के खाते में जमा भी करा दिया गया है।ऊर्जा निगम ने आयोग से महंगी बिजली खरीदने के कारण हुए करीब 1400 करोड़ के वित्तीय नुकसान की भरपाई की मांग की है। तर्क दिया है कि मार्च, अप्रैल, मई, जून और जुलाई में लगातार बिजली का संकट रहा है। इस संकट के दौर में आम जनता को नियमित बिजली सप्लाई देने के लिए बाजार से अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ी। बाजार में बिजली के संकट के कारण बिजली की दरें 12 रुपये प्रति यूनिट से नीचे नहीं रहीं। मार्च, अप्रैल, मई के महीने में तो दरें 20 रुपये प्रति यूनिट तक रहीं।इन महंगी दरों पर बिजली खरीद कर आम जनता को चार रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराई गई। इस नुकसान की भरपाई के लिए करीब 1400 करोड़ के इस अतिरिक्त खर्च की भरपाई की मंजूरी बिजली दरों में बढ़ोतरी के रूप में दी जाए। इसके लिए निगम ने आयोग में इस बार नई याचिका दायर की है, जबकि पिछली बार पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। आयोग के स्तर पर अब निगम की याचिका का परीक्षण कर सुनवाई की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। सुनवाई के बाद आयोग के स्तर पर फैसला लिया जाएगा।