प्रदेश में महिला सुरक्षा के दावे किए जाए रहे हैं, लेकिन महिला उत्पीड़न कम होने की बजाए बढ़ते जा रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच सालों में दुष्कर्म के मामलों में करीब 50 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। वहीं महिला अपहरण व दहेज हत्या के मामले में बढ़े हैं। 2017 के दौरान प्रदेश में दुष्कर्म के 390 मामले सामने आए थे। वहीं 2021 में मामले बढ़कर 741 हो गए हैं। वहीं महिला अपहरण के मामले 2017 में 295 आए, जोकि 2021 में बढ़कर 370 हो चुके हैं। इसी तरह दहेज हत्या के मामले 2017 में 60 थे जोकि अब 70 हो गए हैं।
डकैती व हत्या के मामलों में बढ़ोतरी
प्रदेश में डकैती व हत्या के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। 2017 में 11 डकैती की घटनाएं हुईं, वहीं 2021 यह बढ़कर 14 हो गईं। इसी तरह 2017 के दौरान हत्या के मामले 159 थे जोकि 2021 में बढ़कर 196 हो गए। फिरौती के लिए अपहरण के मामले में भी बढ़ोतरी हुई है। 2017 में एक मामला सामने आया था जोकि 2021 में पांच हो गए। अन्य चोरियों के मामलों में भी थोड़ी बहुत बढ़ोतरी हुई है।
लूट, वाहन लूट व स्नेचिंग के मामले हुए कम
पिछले पांच सालों में लूट, वाहन लूट व स्नेचिंग के मामलों में गिरावट आई है। 2017 में लूट के 179 मामले सामने आए, जबकि 2021 में 145, वाहन लूट के 16 मामले थे जोकि 2021 में 13 रहे और स्नेचिंग के मामले 2017 में 37 थे जोकि 2021 में 26 रह गए।
क्या कहते हैं अधिकारी
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि जो अपराध के मामले बढ़े हैं उनका समय पर पर्दाफाश भी हो चुका है। अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड में रिकवरी रेट भी काफी अच्छा है।