इन दिनों बिहार में शराब माफिया खौफ में हैं। उन्हें डर सताता रहता है कि दूरदराज के इलाकों में छिपकर, जहां वह शराब की भट्ठी चला रहे हैं, वहां आबकारी विभाग और पुलिस की टीम पलक झपकते पहुंच सकती है। माफिया में इस डर का कारण बने हैं दून के वेदान्त बिष्ट। उत्तराखंड इंफार्मेशन टेक्नोलाजी डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडीए) के सहयोग से प्रोटोटाइप ड्रोन बना चुके वेदांत बिहार में ड्रोन की मदद से शराब की भट्ठियों का पता लगा रहे हैं। इसकी मदद से आबकारी विभाग व पुलिस के अधिकारी बड़े आराम से शराब तस्करी में लिप्त व्यक्तियों को दबोच रहे हैं।
वेदान्त ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि ड्रोन की मदद से वह अब तक मौदही, दियारा सोन, बिहटा, दियारा समेत कई क्षेत्रों में शराब की भट्ठियां पकड़वा चुके हैं। ड्रोन की मदद से पहले शराब के अवैध ठिकानों की पड़ताल की जाती है और फिर टीम वहां छापेमारी करती है। वर्तमान में बिहार में रोजाना करीब 20 हजार लीटर कच्ची शराब पकड़ी जा रही है। बीते दस दिन में शराब की 100 भट्ठियां तोड़ी जा चुकी हैं।
वेदान्त के इस सहयोग के लिए बिहार के आबकारी विभाग ने उनका आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है। वेदांत का कहना है कि उत्तराखंड का आबकारी विभाग चाहे तो वह यहां भी शराब तस्करी रोकने में सहयोग कर सकते हैं।
यूसैक का प्रशिक्षण आ रहा काम
वेदान्त ने उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) में इमेज प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इसकी मदद से वह ड्रोन के माध्यम से भूस्थानिक आंकड़ों का सटीक आकलन करने में सक्षम हो पाते हैं।
वेदान्त बिष्ट का संक्षिप्त परिचय
पिता, डा. महेंद्र प्रताप सिंह बिष्ट (उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में निदेशक)
माता, डा. नीलम बिष्ट (शिक्षक)
शिक्षा: ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी से बीटेक (मैकेनिकल)
उपलब्धि, आइटीडीए के सहयोग से प्रोटोटाइप ड्रोन तैयार किया