उत्तरकाशी के पुरोला में हालात सामान्य होने लगे हैं। इसके साथ ही अपनी दुकानें छोड़कर गए मुस्लिम कारोबारी भी शहर में वापस लौटने लगे हैं। तकरीबन तीन हफ्ते तक बंद रहने के बाद शनिवार सुबह मुस्लिमों के स्वामित्व वाली 8 दुकानें खुली नजर आईं। इनमें दो नाई की दुकान, दो कपड़े की दुकान, एक ब्यूटी पार्लर और एक घड़ी मरम्मत की दुकान शामिल है। ये दुकानें 27 मई से लगातार बंद थीं लेकिन अब हालात सामान्य होने के बाद फिर से खुली हैं। बता दें कि एक नाबालिग लड़की के अपहरण से कस्बे में उपजे सांप्रदायिक तनाव की वजह से कई मुस्लिम दुकानदार शहर छोड़कर चले गए थे।पुरोला में मुसलमानों की कुछ दुकानें खुलीं तो शहर छोड़ने वाले बाकी कारोबारी भी वापस लौटने की योजना बनाने लगे हैं। पुरोला के 6 मुस्लिम परिवारों ने, जिनके पास कुल 8 दुकाने हैं और 40 साल से यहां रह रहे हैं, अपने पड़ोसियों और अन्य दुकानदारों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि जब शहर में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति थी और वे शहर छोड़कर चले गए थे, तब इन लोगों ने हमारी दुकानों की देखभाल की। उनके प्रोत्साहित करने पर ही हम वापस लौटे हैं। दुकानदारों ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि हम वापस लौटेंगे तो दुकान पर ग्राहक कम आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आश्चर्यजनक रूप से दुकान पर ग्राहकों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। जिला प्रशासन ने पुरोला में धारा 144 लगा दी। शुक्रवार को प्रशासन ने यहां से धारा 144 हटा ली। अब लव जिहाद और भूमि जिहाद का विरोध करने के लिए हिंदुत्ववादी संगठनों ने बाइक रैली की योजना बनाई है। इसे देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। इस बीच बड़कोट सर्किल ऑफिसर एसएस भंडारी और एसडीएम जितेंद्र कुमार ने विभिन्न संगठनों के लोगों के साथ शांति बैठक की है और अफवाहों से दूर रहने तथा कस्बे में शांति बनाए रखने की अपील की है।