जोशीमठ में एक और आफत आ गई है। यहां के नरसिंह मंदिर मार्ग पर भुस वडियार के पास रविवार सुबह अचानक पानी की जलधारा फूट गई। जल धारा फूटने से यहां लोगों में दहशत है। पिछले जलधारा फूटने की खबर सुनने के बाद लोगों में भय का माहौल बन गया है।जोशीमठ में पिछले 55 दिनों से निरंतर दरारें पड़ रही हैं। जोशीमठ के सभी 9 वार्ड इन दरारों की चपेट में हैं और अब शहर में एक नई आफत ने जन्म लिया है। भू-धंसाव के कारण संकट से जूझ रहे जोशीमठ के नरसिंह मंदिर मार्ग में फूटी जलधारा के बढ़े प्रवाह ने फिर चिंता बढ़ा दी है।जोशीमठ में एक बार पहले भी इस तरीके का जलजला फूट चुका है। नगर के सबसे निचले हिस्से में नगर से करीब नौ किमी दूर बदरीनाथ हाईवे पर मारवाड़ी में स्थित जेपी कॉलोनी में जलधारा दो जनवरी की रात फूटी थी। तब से लगातार मटमैला पानी निकल रहा है। हालांकि, यह पानी पहले की माफिक कुछ हद तक कम जरूर हुआ है।जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास नीति जारी करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि जोशीमठ की अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि कितना क्षेत्र असुरक्षित है। उसी आधार पर पुनर्निर्माण कार्य किए जाएंगे। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा की ओर से जारी शासनादेश में बताया गया कि वर्तमान में केंद्र सरकार के आठ तकनीकी संस्थान जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव का तकनीकी दृष्टि से परीक्षण कर रहे हैं।