जोशीमठ में एक बार फिर से भू धंसाव और दरारों का खतरा पैदा हो गया है. इस बार जोशीमठ बदरीनाथ रोड पर करीब 10 किमी में बड़ी दरारें देखने को मिली हैं. यह दरारें जोशीमठ और मरवारी के बीच आई हैं. यह दरारें श्राइन टाउन बदरीनाथ को जोड़ने वाली सड़क पर आईं हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब 10 स्थानों पर इस तरह की दरारें आई हैं और सभी दरारें बिलकुल नई हैं. आशंका है कि निकट भविष्य में इनकी संख्या और बढ़ सकती है.
आगामी चार धाम यात्रा को देखते हुए यह काफी बड़ा खतरा माना जा रहा है. शनिवार को ही उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा की घोषणा की है. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी संजय उनियाल के मुताबिक यह खतरा काफी बड़ा है. चूंकि चार धाम यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु बदरीनाथ जाएंगे. उनके बदरीनाथ पहुंचने के लिए यही एकमात्र रास्ता है. ऐसे में भू धंसाव और दरारों की वजह से उनकी जान पर बन सकती है.
उन्होंने बताया कि रेलवे गेस्ट हाउस के पास स्थित स्टेट बैंक की शाखा के सामने सड़क पर दरारें काफी बड़ी हैं. वहीं आगे जेपी कालोनी और मरवारी ब्रिज के पास भी इस तरह की दरारें देखी गई हैं. इसी प्रकार रविग्राम म्यूनिसपल वार्ड में जीरो बेंड के पास हाईवे धंस गया है. यहां रहने वाले प्रणव शर्मा ने बताया कि पहले भी यहां कई दरारें आई थीं, जिन्हें बार्डर रोड आर्गनाइजेशन के अधिकारियों ने भरवा दिया था.सोशल मीडिया पर नेशनल मीडिया में यह मामला उजागर होने के बाद स्थानीय प्रशासन भी अब हरकत में आ गया है. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि विशेषज्ञों की एक टीम को मौके पर भेजा गया है. यह टीम स्थिति का आंकलन कर प्रशासन को रिपोर्ट देगी. इसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी. उधर, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के कंवीनर अतुल सेती ने सरकार को आगाह किया है कि थोड़ी भी लापरवाही चार धाम यात्रा के श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में गाड़ियों का आना जाना होगा. ऐसे में यह खतरा और बढ़ सकता है.