भाजपा कार्यकर्ताओं को धामी सरकार में अहम भूमिका मिल सकती है। उम्मीद लगाई जा रही है कि 10 से 15 दिनों में सरकार इस पर होमवर्क पूरा कर देगी। शासन से विभागों में दायित्वधारियों की लिस्ट तलब की गई है। जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं।धामी सरकार मार्च में अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। लंबे समय से विभिन्न आयोगों और निगमों में खाली पड़े दायित्वधारियों के पद भरने की मांग चल रही है। ऐतिहासिक जीत के लिए संगठन के कार्यकर्ताओं को प्रमुख पदों पर कुर्सी सौंपने की मांग भी उठती जा रही है। जिस पर करीब दो माह से मंथन भी हो रहा है। लेकिन बीच में जोशीमठ प्रकरण से ये मामला एक बारफिर ठंडे बस्ते में चले गया। पहले दिसंबर और फिर जनवरी में दायित्व बंटने की खबरें सामने आई, लेकिन अब तक दायित्व को लेकर किसी तरह की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। लेकिन अब धामी सरकार अपने पहले साल के कार्यकाल को पूरा करने से पहले ही संगठन के लोगों को तोहफा देने जा रही है। शासन में इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है।इस बार उम्मीद जताई गई कि धामी सरकार समय रहते अपने कुछ सीनियर कार्यकर्ताओं को उनके कद के हिसाब से दायित्वों का बंटवारा कर देगी। बीच में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के बयान से सियासी पारा जरूर चढ़ा। लेकिन इसको लेकर किसी तरह की कोई खास तेजी नजर नहीं आई। खबर है कि पार्टी के अंदर दायित्व को लेकर 3 बार बैठकें हो चुकी है। जिसमें पार्टी के सीनियर कर्मठ नेताओं को दायित्वधारी बनाकर सरकार में विभिन्न निगमों, बोर्डों में एडजस्ट करने पर विचार किया गया। प्रदेश संगठन की और से 50 से ज्यादा नाम सौंपे गए। इनमें वे नाम भी शामिल बताए गए जिनके विधानसभा चुनाव में टिकट काटे गए थे। भाजपा की इसके पीछे रणनीति निकाय चुनावों और लोकसभा चुनावों तक पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखनी है।