जोशीमठ के हालात पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन कॉल से बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रभावित नगरवासियों की सुरक्षा व पुनर्वास हेतु उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने समस्या के समाधान के लिए तात्कालिक तथा दीर्घकालिक कार्य योजना की प्रगति के बारे में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली। वहीं पीएमओ ने जोशीमठ संकट पर हाईलेवल मीटिंग की है।सीएम धामी ने ट्वीट कर इसके बारे में बताया. उन्होंने लिखा, ‘प्रधानमंत्री ने जोशीमठ के संदर्भ में दूरभाष के माध्यम से वार्ता कर प्रभावित नगरवासियों की सुरक्षा व पुनर्वास हेतु उठाए गए कदमों एवं समस्या के समाधान हेतु तात्कालिक तथा दीर्घकालिक कार्य योजना की प्रगति के विषय में जानकारी ली। प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से जोशीमठ की स्थिति एवं क्षेत्र में सरकार द्वारा चल रहे सुरक्षात्मक कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं साथ ही उन्होंने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।’प्रदेश के मुख्य सचिव डा.सुखवीर सिंह संधू ने रविवार को जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मुख्य सचिव के साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुंदरम भी मौजूद थे।मुख्य सचिव ने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भूधंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है और इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा। तत्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है और स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी दशा में रिस्क ना ले। जिला प्रशासन द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें। मुख्य सचिव ने मनोहर बाग, सिंहधार, मारवाडी स्थित जेपी कंपनी प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया।जोशीमठ भू-धंसाव पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने PMO में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। जोशीमठ के जिला पदाधिकारी और उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहे।जोशीमठ में प्रभावित एवं जरूरतमंद लोगों को ड्राई राशन किट और कुक्ड फूड के पैकेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं। राहत शिविरों में लोगों के रहने की समुचित व्यवस्थाएं की जा रही है।