उत्तराखंड सरकार की परिवहन नीतियों के खिलाफ उत्तराखण्ड विक्रम ऑटो परिवहन महासंघ ने मंगलवार को चक्का जाम कर विधानसभा कूच किया। इस दौरान पूरी तरह से प्रदेशभर में विक्रम ऑटो बंद रहे। सभी ने एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में राज्य सरकार की परिवहन नीतियों के विरोध में चक्का जाम किया। कांग्रेस पार्टी ने विक्रम ऑटो परिवहन महासंघ को अपना समर्थन दिया।मंगलवार से शुरू हुूए विधानसभा सत्र के पहले ही दिन विक्रम ऑटो परिवहन महासंघ ने कूच किया। रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में उत्तराखण्ड विक्रम ऑटो परिवहन महासंघ द्वारा अपनी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में राज्य सरकार की परिवहन नीतियों के विरोध में इकट्टा हुए और वहां से रैली के रूप में प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा के पास पहुंचे तो पुलिस ने बैरीकैडिंग लगाकर सभी को रोक लिया और इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोंकझोंक व धक्का मुक्की होने के बाद सभी वहीं धरने पर बैठ गये। इस अवसर पर परिवहन व्यवसायियों ने कहा कि सरकार ने वर्तमान में विक्रम की अवधि 7 वर्ष एवं सिटी बसों की अवधि 15 वर्ष रखी है जो कि निराधार है। उन्होंने कहा जबकि उच्च न्यायालय के सिंगल व डबल वैंच ने सरकार के इस अव्यवहारिक निर्णय को निरस्त किया है। उनका कहना है कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेशों का भी पालन नही कर रही है। जिससे ऑटो चालक संगठन सड़कों पर उतरकर अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर संघर्ष करने को मजबूर है। उनका कहना है कि सरकार खुलेआम कानून का मखौल उड़ा रही है। उनका कहना है कि उन पर हो रहे अत्याचार का पुरजोर विरोध करते है तथा सरकार से पुरानी परिवहन नीति ही लागू करने की मांग की है।प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पूरे प्रदेश में वाहनों की फिटनेस के लिए केवल एक सेंन्टर डोईवाला लालतप्पड में स्थापित किया गया है जो कि सरकार की 28 किमी. परिमिट नीति के खिलाफ है। वाहन मालिकांे को वाहनों की फिटनेश कराने के लिए संेटर के कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं होना यह चाहिए था कि सरकार को अपनी नीति के अनुरूप 28 किमी. की परिधि के अन्तर्गत ही फिटनेस सेंन्टर स्थापित करने चाहिए थे ऐसा न करके सरकार ने ऑटो विक्रम चालक मालिकों का मानसिक उत्पीड़न किया है। सरकार ने उनके हाथों में कटोरा थमां दिया है।