हाईकोर्ट नैनीताल ने उत्तराखंड में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में हर छह माह में प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। जिसकी जांच उच्च न्यायालय स्वयं करेगा। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था खत्म कर रही है।
इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 27 मार्च की तिथि नियत की है। बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि पूर्व के आदेश के अनुपालन में कैबिनेट ने राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए 17 अक्तूबर 2022 को निर्णय ले लिया है। सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर सिविल पुलिस व्यवस्था लागू करने जा रही है।
27 सितंबर 2022 को कोर्ट ने चीफ सेक्रेट्री से शपथपत्र में यह बताने को कहा था कि 2018 में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का क्या हुआ। उच्च न्यायालय ने 13 जनवरी 2018 में सरकार को निर्देश दिए थे कि राज्य में चली आ रही 157 साल पुरानी राजस्व पुलिस व्यवस्था छह माह में समाप्त कर अपराधों की विवेचना का काम सिविल पुलिस को सौंप दिया जाए।