कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि विधानसभा भर्तियों की जांच निष्पक्ष तरीके से राज्य गठन के दौरान से होनी चाहिए। माहरा ने कहा कि वे पहले ही दिन से कह रहे हैं कि विधानसभा भर्तियों की गहन जांच होनी चाहिए। जांच के दायरे में भाजपा, कांग्रेस सभी के कार्यकाल को शामिल किया जाए। जांच के दायरे को सिर्फ 2016 और 2022 की भर्तियों तक ही सीमित न किया जाए। क्योंकि राज्य गठन के बाद से लेकर अभी तक एक ही तरीके से भर्तियां की गई हैं। इस बाबत स्पीकर ऋतु खंडूडी और सीएम पुष्कर धामी से भी मांग कर चुके हैंमाहरा ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती के असल दोषी अध्यक्ष और सचिव पर सीधी कार्रवाई हो। न सिर्फ निवर्तमान, बल्कि पूर्व अध्यक्ष पर भी कार्रवाई हो। क्योंकि अभी तक 39 गिरफ्तारी के बाद भी असल दोषी सामने नहीं आए हैं। जबकि आयोग अध्यक्ष खुद साफ कर चुके थे कि उन पर राजनीतिक दबाव रहा।पूर्व सीएम हरीश रावत ने विधानसभा भर्ती जांच को लेकर कहा है कि जांच में ऐसा नहीं होना चाहिए कि अपने लोगों के गले में हार और दूसरों के गले पर तलवार लगा दी जाए। जांच सभी की होनी चाहिए। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी साफ कर चुके हैं कि 2002 से लेकर 2007 तक के उनके कार्यकाल की भी जांच कराई जाए।जब विधानसभा भर्तियों की जांच को समिति का गठन किया गया है, तो समिति के सामने सभी कार्यकाल का ब्यौरा रखा जाए। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का भी यही कहना है कि जांच के दायरे को सिर्फ दो कार्यकाल तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।।