विश्व बैंक ने चालू वत्ति वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले उसने भारत की 2022-23 की आर्थिक वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं पर मंगलवार को अपनी रिपोर्ट-ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स में कहा है कि उसने वर्तमान में मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव, आपूर्ति श्रृंखला में आ रही बाधाओं और भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है।
विश्व बैंक का अनुमान है कि वत्ति वर्ष 2023-24 में भी भारत की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रह सकती है। यह उसके पिछले अनुमान से 0.30 प्रतिशत ज्यादा है। पिछला अनुमान 6.8 प्रतिशत का था। रिपोर्ट में अनुमान है कि वर्ष 2024-25 भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 6.5 फीसदी रह सकती है।
विश्व बैंक ने 2022 के वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के अनुमान को भी 4.1 प्रतिशत से घटाकर 2.9 प्रतिशत कर दिया है। विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक वृद्धि 2021 के 5.7 प्रतिशत से घट कर 2022 में 2.9 प्रतिशत तक आ सकती है। इस वैश्विक वत्तिीय संगठन में जनवरी में 2022 की वैश्विक आर्थिक वृद्धि का अनुमान 4.1 प्रतिशत रखा था।महंगाई का असर
महंगाई बढ़ने की वजह से विकास दर घटने का अनुमान लगाया जा रहा है। ईंधन से लेकर खाद्य पदार्थों तक की कीमतों में वृद्धि हुई है। अप्रैल में मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 15.08 हो गई। खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। कई अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत के विकास दर का अनुमान घटाया है। इनमें मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस , एसएडपी ग्लोबल रेटिंग भी शामिल है। आईएमएफ ने भी विकास दर का अनुमान 9 फीसदी सेघटाकर 8.2 फीसदी कर दिया था।