
राज्य मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 की अनुसूची-एक ख के अनुच्छेद-28 में कस्टम बांड को डिजिटल ई-स्टांपिंग के लिए अधिसूचित करने को स्वीकृति दी। राज्य मंत्रिमंडल के इस निर्णय के अंतर्गत गैर पंजीकरण योग्य 26 कस्टम बांड को उत्तराखंड स्टांप (ई-स्टांप प्रमाण पत्रों के माध्यम से शुल्क संदाय) (संशोधन) नियमावली में सम्मिलित किया गया है।इससे नागरिकों को स्टांप खरीदने के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। इससे स्टांप खरीद की प्रक्रिया और अधिक डिजिटल और सुगम हो जाएगी। इससे राजस्व संग्रह में भी पारदर्शिता आएगी। सीमा शुल्क के लिए स्टांप शुल्क का इलेक्ट्रानिक भुगतान अब कई मामलों में अनिवार्य है। एक लाख या उससे अधिक के सीमा शुल्क का भुगतान करने वाले आयातकों के लिए भारत सरकार ने 17 सितंबर, 2012 से मान्यता प्राप्त ग्राहक कार्यक्रम के अंतर्गत इसे अनिवार्य किया है। अब आइसगेट (भारतीय सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज गेटवे) जैसे आनलाइन पोर्टल के माध्यम से सीमा शुल्क का इलेक्ट्रानिक भुगतान किया जा सकता है।