कोविड की तीसरी लहर धीमी पड़ने पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने कोरोना काल में कैंपस में छात्र-छात्राओं के आने को लेकर लगाई गई कई पाबंदियां हटा दी हैं। अब ऐसा कोई भी विद्यार्थी जिसने कोरोना से सुरक्षा के लिए टीके की दोनों डोज लगा ली हैं और दूसरी डोज लगाए विद्यार्थी को 15 दिन का समय हो गया है तो वह कैंपस आ सकता है। वहीं शिक्षक आनलाइन कक्षा के साथ ही कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए कैंपस में पहले से मौजूद छात्रों की आफलाइन कक्षा भी ले सकते हैं। संस्थान ने इसको हाइब्रिड क्लास का नाम दिया है। इसके अलावा संस्थान में प्रयोगशालाओं को भी पहले की भांति छात्र-छात्राओं के लिए खोल दिया गया है।
कोरोना महामारी के कारण देशभर में पहली बार 24 मार्च 2020 को लाकडाउन लगा था। इससे पहले ही देश में जब कोरोना के मामले सामने आने लग थे तो आइआइटी रुड़की ने आफलाइन कक्षाएं स्थगित कर दी थी। जबकि 24 मार्च से आफलाइन कक्षाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। तब से लेकर अब तक संस्थान की ओर से आनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं लेकिन अब कोरोना की लहर में देशभर में कोविड के मामलों में कमी आने पर संस्थान ने कई पाबंदियों को हटा दिया है। पहले तक प्राथमिकता के आधार पर ही छात्र-छात्राओं को कैंपस में आने की अनुमति दी जा रही थी।
इसके अलावा कैंपस में आने वाले विद्यार्थियों को निर्धारित अवधि तक क्वारंटाइन किया जा रहा था और उनके लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी साथ में लाना अनिवार्य था लेकिन अब इन बाध्यताओं को समाप्त कर दिया गया है। आइआइटी रुड़की के डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर एमके बरुआ ने बताया कि अब बीटेक, एमटेक, पीएचडी के विद्यार्थी जिन्होंने कोरोना से सुरक्षा के लिए दोनों डोज लगा ली हैं और दूसरी डोज को लगाए हुए उन्हें 15 दिन का समय हो गया है तो वह कैंपस में आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान की ओर से कई पाबंदियों को हटाने के बाद कैंपस में आने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस समय कैंपस में लगभग 4,600 विद्यार्थी हैं। वहीं संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या कुल 8,200 है।
दूसरी लहर में तीन सौ से अधिक विद्यार्थी आए थे कोरोना पाजिटव
आइआइटी रुड़की में कोरोना संक्रमण की पहली लहर की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद गत वर्ष 2021 में संस्थान ने प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित नियमों का पालन करते हुए विद्यार्थियों को कैंपस में आने की अनुमति देनी शुरू कर दी थी। जिसके बाद कई छात्र कैंपस में आ गए थे। लेकिन 2021 में मार्च में कैंपस में मौजूद छात्रों के कोरोना पाजिटिव मिलने का सिलसिला शुरू हो गया था। अप्रैल तक तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राएं कोरोना पॉजिटिव आ गए थे। इतनी अधिक संख्या में छात्रों के कोरोना पाजिटिव आने से संस्थान में हड़कंप मच गया था। उस समय कैंपस में करीब तीन हजार विद्यार्थी मौजूद थे। जिसके बाद एहतियात के तौर पर संस्थान ने छात्र-छात्राओं और प्रोजेक्ट स्टाफ को अपने-अपने घर लौटने की सलाह दी थी। जिसके बाद अधिकांश छात्र कैंपस से अपने घर चले गए थे।
अजित के चतुर्वेदी (निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की) का कहना है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहरी धीमी पड़ने पर संस्थान ने हाइब्रिड क्लास शुरू कर दी है। आनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। साथ ही जो शिक्षक कैंपस में मौजूद छात्रों को कक्षा में ऑफलाइन पढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें इसकी अनुमति है। जो छात्र-छात्राएं कैंपस में आना चाहते हैं वे निर्धारित नियमों का पालन करते हुए कैंपस में आ सकते हैं।