
महारानी राज्यलक्ष्मी शाह ने बताया, बदरीनाथ धाम से जुड़ी परंपराएं आगे हमारी नातिनी बढ़ाएगी। उसे मंदिर से जुड़ी परंपराएं और विधि-विधान सिखा रही हूं।भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए हर साल नरेंद्रनगर राजदरबार में तिलों का तेल पिरोया जाता है। यह परंपरा राज परिवार 17वीं सदी के सातवें दशक से निभाता आ रहा है। वर्तमान में महाराज मनुजेंद्र शाह और उनकी पत्नी महारानी राज्यलक्ष्मी शाह इस परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं, टिहरी राज दरबार में भगवान बदरी विशाल के अभिषेक में प्रयोग होने वाले तिलों के तेल को पिरोने की परंपरा पूरी तरह से धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इसकी तिथि वसंत पंचमी के दिन तय की जाती है। डिम्मर गांव से पुजारी गाडू घड़ा लेकर नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार पहुंचते हैं।