भारी बारिश और बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को भारी क्षति हुई है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में दो पुल और भीमबली में 25 मीटर रास्ता बह गया, जिससे केदारनाथ धाम की यात्रा को रोक दिया गया है।गहरे होते अंधेरे के बीच बादलों की तेज गर्जना और चमकती बिजली के साथ हो रही तेज बारिश से लोगों को अनहोनी का अंदेशा होने लगा था। 2013 की आपदा का अहसास लोगों को डरा रहा था।यात्रा मार्ग पर दुकान चलाने वाले लोगों के साथ ही अन्य स्थानीय लोग जैसे-तैसे भारी बारिश के बीच ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचे और अपनी जान बचाई। फंसे यात्रियों को निकालने के लिए आज सुबह रेस्क्यू अभियान शुरु कर दिया गया है। साथ ही फंसे 4000 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। 3300 को पैदल निकला है जबकि 700 यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया।फंसे 4000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए आज दूसरे दिन रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है। काली रात के बाद उम्मीद भरी सुबह फंसे श्रद्धालुओं को दिखी है। बुधवार रात बादल फटने के बाद आई आपदा के खौफनाक मंजर को देखकर लोग दहशत में हैं।
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October 30, 2024