नवरात्र के पहले दिन गिरिजा देवी मंदिर परिसर में अग्निकांड हो गया। देखते ही देखते ही दो दर्जन से अधिक कच्ची दुकानें आग की भेंट चढ़ गई। आग के रौद्र रूप के आगे दुकानदार असहाय हो गए और देखते ही देखते 35 से अधिक दुकानें सामान सहित स्वाह हो गई। आग लगने की वजह ऊपर मंदिर से नीचे दुकान में जलती धूप गिरना बताया जा रहा है। दुकानदारों ने आग बुझाने का प्रयास भी किया, लेकिन आग की तेज लपटों की वजह से वह असफल रहे। अग्रिशमन विभाग द्वारा आठ से दस लाख रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया है।मंदिर से अचानक एक जलती धूप नीचे दुकान में गिरी। इससे कच्ची दुकान ने आग पकड़ ली। चूंकि सभी दुकानें एक दूसरे से सटी हुई थी तो ऐसे में सभी में आग लगती चली गई। जब तक दुकानदार कुछ समझ पाते तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया।लोगों को अपना सामान बचाने का भी मौका नहीं मिल पाया। झोपड़ी में घासफूस व सूखी लकड़ी एवं तेज हवाओं ने आग में घी का काम किया। आग इतनी विकराल थी कि धुएं का गुबार मंदिर से भी ऊंचा उठने लगा। इससे मंदिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकानों की ओर दौड़े। दुकानों में रखे सिलेंडरों को किसी तरह लोगों ने बाहर निकाला।