दरारों से झुलस रहे जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि मिलनी शुरू हो गई है, जिससे प्रभावित परिवारों ने एक बार राहत की सांस ली है। बीते कई दिनों से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे प्रभावितों को शासन की तरफ से आदेश के बाद मुआवजा राशि वितरित होना शुरू हुई है।
उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावितों को नई पुनर्वास नीति के तहत क्षतिग्रस्त भवनों का मुआवजा देना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को पहले दिन तीन आपदा प्रभावितों को 63 लाख से ज्यादा रुपये बांटे गए। चमोली जिला प्रशासन की ओर से सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) की ओर से पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घोषित किए गए भवनों के स्वामियों को नई पुनर्वास नीति के तहत मुआवजा बांटना शुरू कर दिया गया है।शुक्रवार को तहसील में सबसे पहले गांधीनगर वार्ड निवासी सूबेदार मेजर मंगलू राम (सेनि.) को मुआवजा राशि के तहत 31.20 लाख रुपये की धनराशि का चेक दिया गया। इसके अलावा सुनील वार्ड के बलदेव को 16.23 लाख रुपये और इसी वार्ड के कृष्णा को 16.23 लाख रुपये का चेक दिया गया।
भवनों का मूल्यांकन व सर्वेक्षण कार्य लोक निर्माण विभाग और अन्य विभागों की तकनीकी टीम की ओर से किया गया था। इसके आधार पर ही क्षतिग्रस्त भवनों के मुआवजे का निर्धारण किया गया। एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि 3 आपदा प्रभावितों को मुआवजे की राशि के चेक दे दिए गए हैं।कई प्रभावितों ने अपने भवनों का दोबारा मूल्यांकन करने की मांग की थी, जिसके बाद दोबारा भवनों का मूल्यांकन किया गया। दोनों बार एक जैसी रिपोर्ट आई है। बताया कि नगर के 357 प्रभावितों को मुआवजे का भुगतान किया जाना है। इस मौके पर तहसीलदार रवि शाह, नगर पंचायत के ईओ सुनील पुरोहित, नायब तहसीलदार अर्जुन बिष्ट आदि मौजूद रहे।जोशीमठ के घरों को सीवर लाइन से जोड़ने के प्रस्ताव को शासन ने रोक दिया है। इससे फिलहाल जोशीमठ में सीवर लाइन को विस्तारित करने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। जोशीमठ में ड्रेनेज सिस्टम और सीवर लाइन सिस्टम सही नहीं होना भू-धंसाव का बड़ा कारण माना जा रहा है। सीवर लाइन नहीं होने से घरों से निकलने वाला पानी पिट्ट में जाकर जमीन में पहुंच रहा है। साथ ही ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं होने से बरसाती पानी भी जमीन के अंदर समा रहा है।
जिला अधिकारी हिमांशी खुराना ने बताया कि शासन के निर्देश पर भू-धंसाव के आपदा प्रभावितों को नई नीति के अनुसार मुआवजे का वितरण शुरू कर दिया गया है। प्रभावित परिवारों से अपील की गई है कि वह अपने कागजात पूरे कर मुआवजे के लिए तहसील पहुंचकर जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कर लें।
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December 23, 2024