उत्तराखंड में सूदूर क्षेत्रों में दवाइयां पहुंचाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग को घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। टेक्नोलॉजी के जरिए यह काम मिनटों में किया जा सकता है। विभाग ने ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए सड़क मार्ग से 5 से 6 घंटे सफर को समेट कर महज 40 मिनट का कर दिया।
विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के सुदूर इलाकों में दवाइयों को पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की यह अनोखी पहल सफल साबित हुई है। ड्रोन के माध्यम से राज्य के दूरस्थ जिलों में लोगों को कम समय में वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सकेगी। यह टेक्नॉलोजी आपदा के समय बेहद मुफीद साबित हो सकती है। प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर दवाओं, टीकों को समयबद्ध तरीके से पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ड्रोन टेक्नोलॉजी का सफल ट्रायल किया है। अब जल्द ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत इस मुहिम का शुभारंभ करेंगे।चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर देहरादून से सीमांत जनपद उत्तरकाशी तक महज 40 मिनट में वैक्सीन की डोज को सफलतापूर्वक पहुंचाया गया। प्रतिरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत ड्रोन द्वारा डिप्थीरिया टिटनेस (डीपीटी) और पेंटा की 400 डोज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय उत्तरकाशी पहुंचाई गई है। अमूमन सड़क मार्ग से 5-6 घंटे का समय लगता है।