कोटद्वार की अदालत ने बुधवार को उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के नार्को व पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति दे दी। पौडी जिले के कोटद्वार की प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना पाण्डेय ने, हालांकि, हत्याकांड के दूसरे दो आरोपियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के नार्को, पॉलीग्राफी टेस्ट की अर्जी खारिज कर दी। हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तीनों आरोपियों के नार्को टेस्ट के लिए अदालत में अर्जी दी थी।सरकारी वकील जितेंद्र रावत ने बताया कि अदालत ने उनके प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी आर्य के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि अब जल्द ही आर्य का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि अन्य दोनों आरोपियों ने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी थी इसीलिए उसे उनकी जांच की अनुमति नहीं मिली।
जेल में बंद पुलकित आर्य ने अदालत में प्रार्थना पत्र दायर कर कहा था कि उससे पूरा सच पूछा जाए। अभियोजन पक्ष ने भी इस बात पर सहमति दे दी कि पुलकित आर्य जिन सवालों को पूछे जाने की बात कह रहा है, उसे उन सवालों को पूछने में कोई आपत्ति नहीं है। जिसके बाद अदालत ने उसके नार्को व पॉलीग्राफी टेस्ट को मंजूरी दे दी।हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ एसआईटी 19 दिसंबर को अदालत में करीब 500 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इसमें 97 लोगों को गवाह बनाने के अलावा अंकिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, घटनास्थल से प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को एफएसएल परीक्षण के लिए भेजकर प्राप्त की गयी रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है।
ऋषिकेश के निकट पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, भास्कर और गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। शुरुआती जांच में सामने आया कि कथित तौर पर किसी वीआईपी को ‘एक्सट्रा सर्विस’ देने से मना करने पर अंकिता की हत्या की गई।