उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं की भर्तियों और कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए विशेष अभियान शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भर्ती प्रस्तावों की सभी औपचारिकताएं पूरी कर आयोग को भेजने और इसका टाइम-टेबल तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार को सचिवालय में सीएम धामी ने भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ बैठक की।
इसमें 15 बड़े विभागों के रिक्त पदों और भर्ती के पूर्व में भेजे गए प्रस्तावों पर चर्चा की गई। सीएम ने एक हफ्ते के भीतर रिक्तियों का ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिसमें कुल पदों का विवरण के साथ ही वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों का विवरण अलग से देना होगा।
उन्होंने कहा कि भर्ती के प्रस्तावों में अनावश्यक विलंब स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी नियमित तौर पर इसका संज्ञान लिया जाएगा। कहा कि विभागीय सचिव आयोग के साथ समन्वय बना भर्तियों का टाइम-टेबल तैयार करेंगे, ताकि परीक्षा तिथियां आपस में न टकराएं।
विभागीय सचिव हर पखवाड़े जबकि मुख्य सचिव माह में एक बार इसकी मानिटरिंग भी करेंगे। विदित है कि राज्य में विभिन्न विभागों में 19 हजार से अधिक रिक्त पद हैं, जिन पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जानी है। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, आदि मौजूद रहे।महिला व दिव्यांग आरक्षण का पेंच फंसने पर लोक सेवा आयोग ने सरकार को लगभग 30 प्रस्ताव संशोधन व परामर्श के लिए वापस भेज दिए थे। लगभग 6000 पदों के लिए भर्तियां होनी थी। स्थानीय महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब यथावत लागू हो चुका है। ऐसे में मुख्यमंत्री धामी ने विभागीय सचिवों को सभी प्रस्ताव एक हफ्ते के भीतर वापस भेजने के निर्देश दिए हैं, जिससे आयोग भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सके।विभिन्न विभागों में लगभग 10 हजार पदों पर प्रमोशन होने हैं। इनमें अकेले शिक्षा विभाग में ही तीन हजार से अधिक बेसिक शिक्षक, एलटी और प्रवक्ताओं के पद रिक्त हैं। सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने बताया कि गैर विवादित पदों पर प्रमोशन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी, जबकि कई संवर्गों में अर्ह पात्र नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने ये निर्देश भी दिए
-पदोन्नितयों के लिए सचिव हर माह करेंगे बैठक
-नियमावली का पेंच फंसने पर कैबिनेट के लिए लाएंगे प्रस्ताव
-वित्त विभाग की अड़चन पर सभी सचिव एसीएस सीएम को देंगे जानकारी
स्थानीय महिलाओं को नौकरियों में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण के लिए अध्यादेश व विधेयक दोनों विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इस पर परामर्श लिया जा रहा है, जो भी जरूरी होगा, वह कदम उठाया जाएगा। सरकार की तरफ से ठोस पैरवी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण को यथावत रखा है, इससे बड़ी राहत मिली है।