उत्तराखंड के रुद्रपुर में कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर गांव में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की फायरिंग में मौत के बाद मचे हुए बवाल में धामी सरकार की उत्तरखंड और योगी आदित्यनाथ की यूपी पुलिस आमने-सामने आ गई है। बुधवार देर रात मचे बवाल के बाद आज गुरुवार को फॉरेंसिंक की टीम ने भरतपुर गांव पहुंचकर सबूत भी जुटाए। मामले में उत्तराखंड और यूपी पुलिस की ओर से केस दर्ज किया गया है।
उत्तराखंड पुलिस के डीआईजी (कुमाऊं जोन) एनए भरणे ने कहा कि यूपी पुलिस उत्तराखंड में स्थानीय पुलिस को बिना कोई सूचना दिए दबिश देने आई थी, जिसके बाद बवाल शुरू हुआ। कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी में भी नहीं थे। यह बहुत गलत है कि पुलिसकर्मियों द्वारा जबरन घर में घुसकर फायरिंग की गई, जिससे एक महिला की मौत हो गई, जिसके बाद हत्या का केस दर्ज किय गया है।
कहा कि उत्तराखंड पुलिस जांच कर रही है कि क्या यूपी पुलिस ने इनामी को पकड़ने के लिए दी गई दबिश से पहले स्थानी पुलिस को सूचित किया था की नहीं? महिला की मौत के बाद बचे बवाल में घायल यूपी पुलिसकर्मी बिना उत्तराखंड पुलिस को सूचित किए वापिस यूपी (मुरादाबाद) चले गए, जिस पर भी उत्तराखंड पुलिस ने सवाल उठाया है।उत्तराखंड में यूपी पुलिस की किरकिरी होने के बाद डीआईजी मुरादाबाद शलभ माथुर मुरादाबाद पुलिस के बचाव में आए। उनका कहना है कि 50 हजार के इनामी बदमाश के लिए यूपी पुलिस द्वारा दबिश दी गई थी। ‘जब हमारी टीम पहुंची तो पुलिस टीम को बंधक बना लिया था और हथियार भी छीन लिए गए थे’, डीआईजी।