पाकिस्तान से 48 सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब पहुंचा है। इस जत्थे की अगुआई सतेंदरपाल सिंह कर रहे हैं। शनिवार को हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन ट्रंस्ट ऋषिकेश की तरफ से उनका स्वागत किया गया। मंगलवार को यह जत्था चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब पहुंचा। इसके बाद जत्था फिर से गोविंद धाम वापस आ गया है।
ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एनएस बिंद्रा ने बताया, पाकिस्तान से आए सिख जत्थे का ऋषिकेश में जोरदार स्वागत किया गया और इसके बाद हेमकुंड साहिब के रास्ते में भी उनके लिए इंतजाम किया गया था। वे बेहद खुश हैं। श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी दिल्ली के प्रतिनिधि रणधीर सिंह इस जत्थे के साथ हैं। बता दें कि यह गुरुद्वारा जोशीमठ के पास है और बर्फबारी की वजह से यहां का रास्ता 10 अक्टूबर को बंद कर दिया जाएगा।
यह स्थान समुद्र से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर है। यह स्थान दुनियाभर के सिखों के लिए बहुत महत्व का है। हर साल गर्मियों में यहां दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। हेमकुंड पहुंचने के लिए 6 किलोमीटर पथरीले रास्तों पर पैदल चलना पड़ता है। श्राइन की वेबसाइट के मुताबिक संतसोहन सिंह और भाई मदाम सिंह ने 1930 के आसपास इस जगह की खोज की थी। भाई वीर सिंह सिख सावंत और सिंह सभा ने इस गुरुद्वारे के लिए काफी आर्थिक सहयोग दिया।यह गुरुद्वारा बर्फीली पहाड़ियों के बीच स्थित है। यहां एक झील भी है और सात पहाड़ों पर निशान साहिब लगे हैं। यहां जाने के लिए गोविंदघाट से पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है। इसका उल्लेख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ में किया गया है।