विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों की जांच के लिए पूर्व नौकरशाह डीके कोटिया की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को अग्रिम आदेश तक अवकाश पर भी भेज दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कितने भी कठोर व कड़वे निर्णय क्यों न लेने हो, मैं पीछे नहीं हटूंगी।शनिवार अपराह्न स्पीकर खंडूड़ी ने विधानसभा में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह ऐलान किया। कहा कि उत्तराखंड विधान सभा प्रदेश का सर्वोच्च सदन है। इसकी गरिमा को बनाए व बचाए रखना मेरा दायित्व ही नहीं कर्तव्य भी है। कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन में शामिल होने कनाडा गई थी। इस बीच मीडिया के जरिए विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के बारे में जानकारी मिली तो इस पर दिल्ली में दो-तीन दिन तक इस पर विचार-विमर्श व मंथन किया।खंडूड़ी ने बताया कि पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें पूर्व सचिव सुरेंद्र सिंह रावत और कुमाऊं मंडल के पूर्व कमिश्नर अवनेंद्र नयाल सदस्य होंगे। कहा कि ये तीनों इस मामले के विशेषज्ञ भी हैं। यह कमेटी एक माह के भीतर जांच सौंपेंगे और फिर इसके आधार पर कड़ा फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच कमेटी जब भी सचिव सिंघल को पूछताछ या दस्तावेजों के बाबत बुलाएगी, उन्हें पेश होना पड़ेगा।विधानसभा के सूत्रों के अनुसार भाजपा की अंतरिक सरकार के वक्त तत्कालीन स्पीकर स्व. प्रकाश पंत के कार्यकाल में लगभग 130 बैकडोर नियुक्तियां की गई थी। इसके बाद कांग्रेस सरकार के रहते तत्कालीन स्पीकर यशपाल आर्य ने 85 तो फिर भाजपा सरकार के दौरान स्पीकर स्व. हरबंश कपूर ने 35 कर्मचारियों को लगाया। वहीं, पूर्व स्पीकर कुंजवाल के समय 159 तो प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में 72 नौकरियां बांटी गई।एक बात मैं स्पष्ट रूप से प्रदेशवासियों को और खासतौर पर उत्तराखंड के युवा वर्ग को कहना चाहूंगी वह आश्वस्त रहें। मैं किसी को भी निराश नहीं करूंगी, सबके साथ न्याय होगा। सदन की गरिमा से ऊपर मेरे लिए कुछ भी नहीं है।