चार श्रम संहिताओं का कार्यान्वयन आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि श्रम सुधारों ने देश के कार्यबल के लिए एक नए युग की शुरुआत की है।उन्होंने कहा कि इन सुधारों के सार्थक और दूरगामी परिणाम सामने आएंगे और दोहराया कि राज्य सरकार नई श्रम संहिताओं का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने इन सुधारों की शुरुआत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पहले के श्रम कानूनों के कारण असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक बड़ा वर्ग उनके दायरे से बाहर था। उन्हें सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच नहीं थी और न्यूनतम वेतन प्रावधान चुनिंदा क्षेत्रों तक ही सीमित थे। इन पुराने कानूनों ने व्यापार करने में आसानी में भी बाधा डाली और विदेशी निवेश पर नकारात्मक प्रभाव डाला। उन्होंने कहा कि पुरानी इंस्पेक्टर राज व्यवस्था ने व्यापार और उद्योगों को और नुकसान पहुँचाया। इस संदर्भ में, भारत सरकार ने व्यापक श्रम सुधारों को लागू करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।धामी ने कहा कि नए कानूनों के प्रावधान श्रमिकों के हितों की दृढ़ता से रक्षा करते हैं। सार्वभौमिक न्यूनतम और समय पर वेतन तथा नियुक्ति पत्रों का अनिवार्य वितरण अभूतपूर्व उपाय हैं। श्रम सुधार 40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। महिला श्रमिकों को समान अवसर, समान वेतन और रात्रि पाली में काम करने की अनुमति दी गई है, जो देश की महिला कार्यबल को सशक्त बनाने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

