हिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.63 लाख महिलाएं अब तक लखपति दीदी बन चुकी हैं। यानी उन्हें सालाना एक लाख रुपये से अधिक की आय हो रही है। चालू वित्तीय वर्ष में 1.20 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ग्राम्य विकास सचिव धीराज गर्ब्याल की अध्यक्षता में आजीविका मिशन के सभागार में हुई लखपति दीदी राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई। सचिव गर्ब्याल ने मूल्यांकन समिति में पर्यटन विभाग को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिए।ग्राम्य विकास सचिव गर्ब्याल ने स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं पीएमईजीपी से भी जोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही समूहों का तकनीकी एवं कौशल मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के माध्यम से करने, समूहों के उत्कृष्ट उत्पादों को हाउस आफ हिमालयाज से जोड़ने, ग्रामोत्थान के माध्यम से अधिकाधिक ग्रामीण उद्यमों को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
ग्राम्य विकास सचिव गर्ब्याल को बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक 68,497 स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं। साथ ही 7,768 ग्राम संगठन और 586 क्लस्टर संगठनों का गठन किया जा चुका है। इन सभी समूहों से पांच लाख से अधिक महिलाएं विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जुड़ी हैं। दीनदयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संस्थागत निर्माण, क्षमता विकास, वित्तीय समावेशन, विभागीय समन्वय, विभिन्न आजीविका गतिविधियों में संलग्नता और उत्पादों के विपणन के माध्यम से समूहों से जुड़ी महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

