चमोली के नंदानगर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जब एनडीआरएफ की टीम ने एक मकान से मलबा हटाया तो उन्हें दो जुड़वां बच्चे अपनी मां की छाती से लिपटे हुए मिले। इस दुखद दृश्य को देखकर मौके पर मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं, और बचाव दल के जवान भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। यह घटना बुधवार-गुरुवार की रात करीब दो बजे की है, जब पहाड़ी से आए मलबे और पानी के सैलाब ने लोगों को संभलने का मौका नहीं दिया। कांति देवी और जुड़वां बेटे, 10 वर्षीय विकास और विशाल भी थे। सुबह जब बचाव कार्य शुरू हुआ तो बचाव दल को घर से किसी के जिंदा होने की आवाज सुनाई दी। रोशनदान के खुले होने से कुंवर सिंह को सांस लेने में मदद मिली, जिसके कारण वे बच गए। उन्हें मलबे से निकालकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उनके जुड़वां बेटे विकास, विशाल और पत्नी कांति देवी की जान जा चुकी थी। एनडीआरएफ के एक जवान ने बताया कि जब उन्होंने कमरे में जाकर देखा, तो लेंटर का बीम बच्चों के ऊपर पड़ा था और दोनों बच्चे मां के गले से लिपटे हुए थे। यह देखकर सबकी आंखें भर आईं। बच्चों और मां के शवों को बाहर निकालते ही पूरा गांव सदमे में आ गया।
