मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आईआरडीटी सभागार में आयोजित समारोह में इन साहित्यकारों को सम्मानित किया।साहित्यकार शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा, सोमवारी लाल उनियाल और अतुल शर्मा को यह सम्मान मिला।समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड भाषा संस्थान के माध्यम से राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस कार्य कर रही है। स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए भी सतत प्रयास किए जा रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी समृद्ध भाषायी विरासत से जुड़ी रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों की ओर से सौंपी गई साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत केवल हमारे अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि हमारी पहचान और सभ्यता की नींव हैं, इसलिए इन्हें संरक्षित रखना हम सभी का नैतिक उत्तरदायित्व है।साहित्यकार शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा को मरणोपरांत इस पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके साथ ही सोमवारी लाल उनियाल व अतुल शर्मा को भी उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की समृद्ध साहित्यिक परंपरा का उल्लेख करते हुए सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, शिवानी, शैलेश मटियानी, गिर्दा, शेर दा ‘अनपढ़’, और ‘हिरदा’ जैसे रचनाकारों को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया, जिसने उत्तराखंड के जीवन, संघर्ष और संस्कृति को अपनी रचनाओं में जीवंत किया।
