
चारधाम यात्रा के साथ ही सामरिक दृष्टि से बेहद अहम बदरीनाथ राजमार्ग भूस्खलन की गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है। विभिन्न सरकारी एजेंसियों के सर्वे में इस बात की पुष्टि की जा चुकी है। अब सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने ‘मैपिंग लैंडस्लाइड एंड वल्नरेबिलिटी जोन्स आन द चार धाम यात्रा रूट’ नाम से रिपोर्ट जारी की है।एडीसीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट में प्रत्येक भूस्खलन जोन की लंबाई और उसकी स्थिति भी बयां की गई है। फाउंडेशन की फील्ड रिपोर्ट के अनुसार बदरीनाथ से 32 किलोमीटर पहले तक ही 06 बड़े भूस्खलन जोन हैं। जिसमें मंदिर से 05 किमी के दायरे में ही 80 से 100 किमी लंबे तीन जोन शामिल हैं।इसके बाद जोशीमठ से सिरोबगड़ तक के 126 किमी दायरे में 14 बड़े भूस्खलन जोन हैं। जोशीमठ से करीब 58 किलोमीटर की दूरी पर 150 से 200 मीटर लंबा एक ऐसा जोन भी है, जहां पूरी पहाड़ी नीचे खिसकती दिख रही है। इसके अलावा भी कई जोन ऐसे हैं, जहां पर सड़क बेहद संकरी है। साथ ही कुछ जगह सड़क का पूरा भाग दरकता दिख रहा है।अपनी रिपोर्ट में फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने भूस्खलन जोन के उपचार और निगरानी के लिए विभिन्न सुझाव भी दिए हैं। ताकि चार धाम यात्रा और सामरिक महत्व वाले राजमार्ग की स्थिति में सुधार के लिए गंभीर प्रयास किए जा सकें।