जोगीवाला चौक से रिंग रोड और सहस्रधारा रोड के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण हटाए जाने के दो साल बाद आखिरकार चौड़ीकरण की राह खुलती दिख रही है। जोगीवाला चौक से पैसिफिक गोल्फ एस्टेट तक सड़क को तीन से चार लेन में तब्दील करने के लिए लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने टेंडर आमंत्रित कर दिए हैं। करीब एक माह के भीतर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर चौड़ीकरण शुरू कराने का लक्ष्य रखा गया है।
लोनिवि के अधीक्षण अभियंता एएस भंडारी के मुताबिक, चौड़ीकरण परियोजना को सेंट्रल रोड फंड (सीआरएफ) से 77 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। चौड़ीकरण कार्य जोगीवाला चौक से लाडपुर, सहस्रधारा क्रासिंग होते हुए सहस्रधारा रोड पर कृषाली चौक व पैसिफिक गोल्फ एस्टेट तक (14.3 किमी) किया जाएगा। जहां सड़क पर अतिरिक्त जगह मिलेगी, वहां फोर लेन तक सड़क को चौड़ा किया जाएगा। कम जगह वाले भाग को तीन लेन बनाया जाएगा।
अधीक्षण अभियंता भंडारी के मुताबिक ई-टेंडरिंग प्रक्रिया में कुल 13 फर्म ने अपने अभिलेख जमा किए थे। इनकी जांच में तकनीकी बिड के लिए तीन फर्म का चयन हो पाया है। जल्द तकनीकी बिड की कार्रवाई पूरी कर दी जाएगी।
मसूरी जाने वाले वाहनों को भी मिलेगा लाभ
सहस्रधारा रोड के चौड़ा होने के बाद न सिर्फ स्थानीय निवासियों को लाभ मिलेगा, बल्कि जो पर्यटक वैकल्पिक मार्ग के माध्यम से मसूरी जाते हैं, उन्हें भी अनावश्यक जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। पर्यटन सीजन में मसूरी की सैर करने वालों की संख्या काफी बढ़ जाती है। लिहाजा, मुख्य मार्ग पर भारी जाम दिखता है। ऐसे में हरिद्वार की तरफ से आने वाले वाहनों को जोगीवाला चौक से रिंग रोड से होकर गुजारा जाता है। लिहाजा, यहां भी जाम की स्थिति बन जाती है। सड़क चौड़ीकरण के बाद इस पूरे रूट पर भी जाम की समस्या पर अंकुश लग पाएगा।
टेंडर में लगाया जा रहा अनियमितता का आरोप
इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर लोनिवि के दो पत्र वायर हो रहे हैं। एक पत्र में टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली फर्म व ठेकेदारों की संख्या 13 है, जबकि एक में महज 11 ही प्रतिभागी हैं। बताया जा रहा है कि दो ठेकेदारों ने विभाग में आफलाइन अपने दस्तावेज तय समय तक जमा नहीं कराए थे। लिहाजा, तकनीकी बिड वाले पत्र में 11 फर्म/ठेकेदारों के ही नाम दिख रहे हैं। वहीं, लोनिवि ने जिनके दस्तावेजों के परीक्षण का आदेश जारी किया है, उसमें 13 नाम शामिल हैं। दो अतिरिक्त नाम में एक नाम तकनीकी बिड के लिए चयनित तीन फर्म की सूची में भी शामिल है। हालांकि, लोनिवि के अधीक्षण अभियंता एएस भंडारी ने दावा किया कि बिना आफलाइन प्रक्रिया में दस्तावेजी परीक्षण के बिना किसी को भी तकनीकी बिड के लिए चयनित नहीं किया जा सकता।