कोरोना महामारी के बाद देश में हर्ट अटैक से जुड़ी मौतों में बड़ा इजाफा हुआ है. इस बात को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंसुख मांडविया ने भी स्वीकार किया और कहा कि इसपर रिसर्च चल रहा है. उन्होंने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को इस संबंध में रिसर्च का आदेश दिया था जिसे तीन-चार महीने हो गए हैं और दो महीने में रिपोर्ट आ जाएगी.एक मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वैक्सीनेशन और कमॉर्बिटी (एक से ज्यादा बीमारी से पीड़ित मरीज) का डेटा हमारे पास है. हर्ट अटैक से हुई मौतों के मौजूद डेटा पर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) रिसर्च कर रहा है, जिसके बाद ही हमें कुछ ठोस पता चलेगा.अचानक और हर्ट अटैक से मौतें बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली एक संसदीय समिति ने आईसीएमआर को इसके कारणों का पता लगाने और रिपोर्ट तैयार करने कहा था. इसकी अगुवाई राज्यसभा सांसद भुबनेश्वर कलिता कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी कोई ठोस सबूत नहीं है, जिसके आधार पर यह कहा जाए की मौतें असल में कोविड वैक्सीन की वजह से हो रही हैं… लेकिन इस तरह की मौतें कोरोना के बाद ही बढ़ी है.कोरोना महामारी के बाद से देखा गया है कि हर्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं. ऐसी कई तस्वीरें सामने आई जिसमें देखा गया कि सेहतमंद दिखने वाले लोग अचानक गिरे और मौत हो गई. सोशल मीडिया पर सामने आए कई वीडियो में देखा गया कि जिम करते एक 24 वर्षीय शख्स की मौत हो गई. एक सचिन नाम के इंजीनियरिंग स्टूडेंट की अचानक कॉलेज के ही कॉरिडोर में गिरने से मौत हो गई. एक शख्स त्योहार में डांस कर रहे थे.. वहीं पर गिरे और उसकी मौत हो गई. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हर्ट अटैक की शिकायतों से संबंधित मरीजों की संख्या अस्पतालों में 10-15% बढ़ी है.
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July 23, 2024