महेंद्र भट्ट ने बीते दिनों जोशीमठ में पड़ रही दरारों को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों को माओवादी कहा था। वहीं, इस आंदोलन को माओवादियों का आंदोलन बताया था। जिस पर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के लोग और जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने जोशीमठ नगर के मुख्य चौराहे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का पुतला जलाया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि महेंद्र भट्ट शर्म करो, नहीं तो डूब मरो।इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि महेंद्र भट्ट को अपने इस शर्मसार बयान के लिए जोशीमठ आकर जोशीमठ के लोगों से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए, जब तक भट्ट जोशीमठ के लोगों से माफी नहीं मांगेंगे, तब तक जोशीमठ के लोग उनको जोशीमठ में नहीं घुसने देंगे। कहा कि जब भी महेंद्र भट्ट जोशीमठ आएंगे, जोशीमठ के लोग काला झंडा दिखाकर उनका बहिष्कार करेंगे।आंदोलन के नेता अतुल सती ने कहा कि आपदा की घड़ी में सरकार को जनता का साथ देना चाहिए और सरकार के नुमाइंदे इस प्रकार की अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं। सती का कहना है कि सीमांत के प्रहरियों को माओवादी कहना शर्मनाक है। कहते हैं कि जो लोग सीमित संसाधनों के बीच सीमा से सटे अंतिम नगर पालिका में रहकर अपना जीवन यापन करते हैं और सीमा की पहरेदारी करते हैं, उन लोगों को चीनी समर्थक या माओवादी कहना अनुचित है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को तत्काल प्रभाव से महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा देना चाहिए। अपने ही देशवासियों को माओवादी कहने वाले व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष जैसे पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।