कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों का सोमवार को आयोजित भारत बंद बेअसर रहा। हरियाणा, मध्य प्रदेश व दूसरे राज्यों में सबकुछ सामान्य रहा। राजधानी में भी जनजीवन पर कोई असर नहीं पड़ा। अलबत्ता, एहतियातन किए गए प्रबंधों से राजधानी की सीमाओं पर जाम से लोग परेशान हुए। पंजाब में आंदोलनकारियों ने रेल परिचालन में व्यवधान डाला, जिससे करीब 50 ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ।
अतीत से सबक लेते हुए दिल्ली में पुलिस ने मजबूत सुरक्षा उपाय किए थे। रूट डायवर्जन और वाहन चेकिंग के कारण लोग घंटों जाम से जूझे। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे पर दिल्ली की सीमा की ओर करीब पांच किमी लंबा जाम लग गया। गाजियाबाद में प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही डीएमई की दिल्ली से आने वाली लेन को बंद कर दिया। दिल्ली-नोएडा बार्डर पर भी वाहन चेकिंग से जाम लग गया। मध्य प्रदेश में सबकुछ सामान्य रहा। हरियाणा में भी इसका कोई असर नहीं दिखा। पंजाब में कई जगहों पर बाजार, औद्योगिक इकाइयां व शिक्षण संस्थान बंद रहे। किसान संगठनों ने कई जगह सड़क और रेल यातायात बाधित कर दिया। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भारत बंद का समर्थन किया गया। झारखंड के ज्यादातर इलाकों में सुबह से 12 बजे तक लंबी दूरी की बसों का आवागमन प्रभावित रहा, जबकि रेल सेवा सामान्य रही। ओडिशा में बंद समर्थकों ने दुकानों, बाजारों को बंद कराया। जगह-जगह जाम लगाने से यातायात व्यवस्था बाधित रही।
रेल यात्री हुए परेशान
रेल यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल, अंबाला मंडल और फिरोजपुर मंडल में लगभग 20 स्थानों पर प्रदर्शनकारी ट्रैक पर कब्जा कर धरने पर बैठ गए। इससे 50 से ज्यादा ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई। कालका शताब्दी, अमृतसर शताब्दी, चंडीगढ़ शताब्दी सहित 37 ट्रेनें सोमवार को रद कर दी गईं। कई ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किए गए, वहीं कई रास्ते में ही घंटों खड़ी रहीं। शाम लगभग साढ़े चार बजे के बाद ट्रेनों की आवाजाही सामान्य हो सकी।
रद की गईं प्रमुख ट्रेनें
नई दिल्ली-कालका शताब्दी, नई दिल्ली- अमृतसर शताब्दी, चंडीगढ़-नई दिल्ली शताब्दी, नई दिल्ली-ऊना जनशताब्दी, शान-ए-पंजाब, दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस, नई दिल्ली-मोगा एक्सप्रेस, नई दिल्ली-रोहतक एक्सप्रेस, नई दिल्ली-हिसार एक्सप्रेस, पुरानी दिल्ली-बठिंडा एक्सप्रेस कुरुक्षेत्र-पुरानी दिल्ली एक्सप्रेस, जींद-पुरानी दिल्ली एक्सप्रेस, पुरानी दिल्ली-जाखल एक्सप्रेस।
विभिन्न दलों का था समर्थन
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आयोजित इस बंद को कांग्रेस, बसपा, सपा, राजद, झामुमो, भाकपा, भाकपा माले समेत श्रम संगठनों का समर्थन था।
राकेश टिकैत का दावा, भारत बंद सफल रहा
इस दौरान राकेश टिकैत ने दावा किया कि हमारा ‘भारत बंद’ सफल रहा। हमें किसानों का पूरा समर्थन मिला। हम सबकुछ बंद नहीं कर सकते, क्योंकि हमें लोगों की आवाजाही का भी ध्यान रखना है। हम सरकार के साथ बातचीत को तैयार हैं, लेकिन कोई बातचीत नहीं हो रही। आगे की रणनीति संयुक्त किसान मोर्चा बनाएगा।
दिल्ली- एनसीआर में लगा जाम, सड़कों पर बैठे किसान
सोमवार सुबह दिल्ली- एनसीआर में कई जगहों पर बंद की वजह से सड़कों पर लंबा जाम दिखाई दिया। भारत बंद के मद्देनजर गाजियाबाद पुलिस ने गाजियाबाद और निजामुद्दीन को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे को बंद कर दिया था। नोएडा प्राधिकरण के पास किसान अपनी मांगों को लेकर भारी संख्या में इकट्ठा हुए और पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ा। वहीं, हरियाणा के पलवल में किसानों ने दिल्ली-मथुरा नैशनल हाईवे जाम किया। बंद की वजह से दिल्ली-गुरुग्राम हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला।
पंजाब, हरियाणा में दिखा भारत बंद का असर
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर कहीं दिखा तो वह है पंजाब और हरियाणा। दोनों राज्यों में कई स्थानों पर किसानों ने राजमार्गों, सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और रेलवे ट्रैक पर बैठ गए, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कहा कि वह तीन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान के साथ खड़ी है। पंजाब में बंद के दौरान परिवहन सेवाओं को भी निलंबित कर दिया। ज्यादातर दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। जालंधर में कुछ किसानों ने रेलवे स्टेशन के पास दो ट्रेनों को रोक दिया। इसके चलते ट्रेन के यात्री काफी परेशान हुए।
यूपी- बिहार में दिखा बंद का कुछ असर
भारत बंद का असर यूपी-बिहार में कुछ जगह देखने को मिला, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। यूपी के कुछ जिलों में प्रदर्शन हुआ। वहीं, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा- संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को सपा का पूर्ण समर्थन है। वहीं बिहार में पटना समेत कुछ जिलों में आरजेडी के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते नजर आए। बिहार में महागठबंधन की पार्टियां राजद, कांग्रेस और वामदलों ने भी इस बंद को समर्थन दिया था। तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस आंदोलन में हम लोग किसानों के साथ हैं। महागठबंधन की सभी पार्टियां उनके साथ हैं। पटना में आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया।
राजस्थान में मिलाजुला असर देखने को मिला
राजस्थान के कृषि बहुल गंगानगर और हनुमानगढ़ सहित कुछ जिलों में बंद का असर दिखा। यहां प्रमुख मंडिया तथा बाजार बंद रहे। किसानों ने प्रमुख मार्गों पर चक्काजाम किया और सभाएं की। पंजाब के भी कई जिलों में बंद का असर देखने को मिला। यहां देवीदासपुर में अमृतसर-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। इसका असर रेल यातायात पर भी पड़ा।
मध्य प्रदेश में नहीं दिखा भारत बंद का असर
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया था, लेकिन इसका मध्य प्रदेश में असर नहीं दिखा। लगभग पूरे प्रदेश में रोज की तरह दुकानें खुली रहीं और लोग अपनी जरूरतों का सामान खरीदते रहे। जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, भोपाल समेत पूरे प्रदेश में प्रतिदिन की तरह कामकाज हुआ।