वाहन चेंकिग के दौरान पुलिस और एडीटीएफ ने लग्जरी कार से विभिन्न कंपनियों के तीन सौ नशे के इंजेक्शन बरामद किए हैं। आरोपी कथित झोलाछाप डॉक्टर है। आरोपी यूपी के बरेली से उत्तराखंड में इंजेक्शन की तस्करी कर रहा था। नशे के इंजेक्शन बेचने के मामले में पहले भी जेल जा चुका है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आरोपी की संपत्ति की जांच करेगी। रविवार को सीओ ओमप्रकाश शर्मा ने कोतवाली में प्रेसवार्ता कर बताया कि बीती रात्रि पुलिस टीम रुद्रपुर बाईपास पर सितारगंज की ओर से आने वाले वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान पुलिस ने एक क्रेटा कार को बैरियर लगाकर रोका।
पुलिस की पूछताछ में वाहन में बैठे चालक ने अपना नाम छत्रपाल पुत्र बलदेव निवासी वार्ड 2 बंगाली कॉलोनी आजाद किच्छा बताया। पुलिस ने कार की डिग्गी खोलकर तलाशी ली तो उसमें एक पॉलीथिन में रखे विभिन्न कंपनियों के 300 सौ अधिक नशे के इंजेक्शन मिले। आरोपी पुलिस को दवाइयों का लाइसेंस दिखाने में असमर्थ रहा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।पुलिस के अनुसार, छत्रपाल पेशे से झोलाछाप डॉक्टर है। छत्रपाल का वार्ड 2 आजाद नगर बंगाली कॉलोनी में क्लीनिक है। बीते नबंवर 2019 में भी वह नशे का कारोबार करने के आरोप में जेल जा चुका है। छत्रपाल शनिवार रात्रि बरेली से नशे के इंजेक्शन की खेप ला रहा था।पुलिस के द्वारा नशे के इंजेक्शन का कारोबार करने वाले को पकड़ने पर नगर की केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने सीओ ओमप्रकाश व कोतवाल अशोक कुमार सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने पुलिस को पुरस्कार के रूप में 5100 रुपये दिए। एसोसिएशन के महामंत्री मनमोहन सक्सेना ने बताया कि कुछ लोग नशे का कारोबार कर केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट के पेशे को बदनाम कर रहे हैं।