दून में ओमिक्रोन का खतरा बढ़ता जा रहा है। ओमिक्रोन संक्रमित कांवली रोड निवासी युवती के माता-पिता की भी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है। वहीं, युवती की जांच भी दोबारा कराई गई। उसकी रिपोर्ट भी पाजिटिव आई है। युवती के घर को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है।
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राजीव दीक्षित ने बताया कि युवती और उसकेमाता-पिता का स्वास्थ्य सामान्य है। माता-पिता का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दून मेडिकल कालेज को भेजा गया है। वहीं, उनके घर को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने के साथ ही विशेष सतर्कता बरती जा रही है। गौर हो कि युवती 8 दिसंबर को स्काटलैंड से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची थी, जहां उसकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई। उसी दिन शाम को वह अपने माता-पिता के साथ कार से देहरादून आई थी। 11 दिसंबर को युवती ने एसआरएल लैब के प्रतिनिधि को घर बुलाकर दोबारा अपना सैंपल दिया। 12 दिसंबर को उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई, जिसके बाद से युवती घर पर ही आइसोलेट है। एसआरएल लैब को युवती के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के निर्देश दिए गए थे पर इसी बीच दिल्ली स्थित आइडीएसपी ने उसमें ओमिक्रोन की पुष्टि कर दी।
ओमिक्रोन की पहचान में लग रहा समय
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की पहचान करने में लंबा वक्त लग रहा है। अब दून मेडिकल कालेज के लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है, लेकिन इसकी रिपोर्ट करीब सप्ताहभर में आ रही है। कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए बुजुर्ग दंपती व रुड़की में कोरोना संक्रमित यमन के नागरिक की भी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। यह लोग आइसोलेशन में हैं।
सैंपलिंग की रफ्तार सुस्त
देश में जिस तेजी से ओमिक्रोन के मामले बढ़े हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कड़े प्रतिबंध लागू करने व सैंपलिंग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन राज्य की सीमा, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन पर अब भी सैंपलिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। कहीं सैंपलिंग शुरू ही नहीं हुई तो कहीं नाममात्र के सैंपल लिए जा रहे हैं। गुरुवार को भी जिले में करीबन 1800 सैंपल लिए गए। जबकि कभी यह संख्या ढाई से तीन हजार तक थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस काम में पुलिस, रेलवे आदि का सहयोग नहीं मिल रहा है। जिससे दिक्कत आ रही है।